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Badal fatna kya hota hai ? | बादल फटना क्या होता है।

Badal fatna kya hota hai ? बादलों का फटना क्या होता है?


स्वागत है दोस्तों आपका हमारे ब्लॉक जानकारी हो अच्छी में, दोस्तों प्रत्येक वर्ष हम लोग  बादल फटने की घटना के बारे में सुनते रहते हैं। इससे जानमाल को बहुत हानि पहुंचती है। दोस्तों आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं कि बादल का फटना क्या है और बादल फटने के क्या कारण है ?
                                 
Badal fatna, बादल फटना
बादल फटना
बादल फटना क्या होता है ? Badal fatna kya hota h ?

सूर्य की गर्मी के कारण झीले तालाब और नदियां और समुद्र का पानी वाष्पित होता है और यह वाष्पित कण हवा से धरती से करीब 15 किलोमीटर ऊंचाई पर जाकर इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेते हैं। यह बादल पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज वाले होते हैं। जब यह आपस में टकराते हैं तो इसी कारण बिजली चमकती है और रुका हुआ पानी बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर गिरता है। जब बादलों से पानी बूंद बूंद गिर कर एक साथ बहुत तेजी से धरती पर आ गिरता है तो इसे बादल फटना या क्लाउडबर्स्ट करते हैं।

Badal fatna in hindi - cloud brust in hindi

                            
बादल फटना क्या होता है ? Badal fatna kya hota hai ?
Badal fatna kise kahte hai ?

बादल फटना बारिश का एक चरम रूप है। इस घटना में बारिश के साथ कभी-कभी ओले भी पड़ते है। बादल फटने के कुछ समय तक मूसलाधार बारिश होती है जिससे बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। भारत में बादल फटने की सबसे अधिक घटनाएं हिमाचल प्रदेश में होती है 26 जुलाई 2005 को भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में बादल फटे थे जिसके कारण पूरा शहर जलमग्न हो गया था इसी तरह पाकिस्तान के शहर कराची में बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई थी। जहां केवल 2 घंटों में 250 एमएम वर्षा दर्ज की गई थी।


6 अगस्त 2010 को भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के शहर लेह में बादल फटने के कारण पूरा पुराना लेह शहर तबाह हो गया था। इसमें लगभग 225 लोगों की मृत्यु और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साल 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी के पीछे की मुख्य वजह भी बादल फटना था।

बादल फटने के प्रमुख कारण - Reason for cloud brust

जब एक ही चार्ज (positive या negative) के बादल जब आसमानों में ऐसी जगह इकट्ठा होते हैं जहां ठंडी और गर्म हवाएं दोनों तरफ से उन पर दबाव डालती है और जब कोई गर्म हवा का झोंका नमी से भरे इन बादलों से टकराता है तो यह बादल फट जाते हैं ऐसे में कई लाख लीटर पानी धरती के छोटे-छोटे हिस्सों पर एक साथ गिरता है उसकी रफ्तार 36 किलोमीटर पर आवर तक हो सकती है । कुछ ही मिनटों में 2 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा हो जाती है ऐसा अधिकतर पहाड़ी वाले क्षेत्रों में होता है क्योंकि वहां अक्सर गर्म और ठंडी हवाएं चलती है।

हवा के दबाव का असर

जब बादलों पर हवा का दबाव बनता है, यह बादल आसमान में मौजूद हवाओं के ज्यादा दबाव और रास्ते में आने वाली बाधाओं के टकराने से एकाएक फट जाते हैं। और धरती पर बहुत सारा पानी कुछ क्षणों में गिरा देते हैं । ऐसे में फ्लैश फलड भी आ जाता है। जिससे हमें अत्यधिक नुकसान पहुंचता है।
क्या बादल फटने की भविष्यवाणी की जा सकती है ?
बादल फटने की घटना ज्यादातर बहुत छोटे से क्षेत्र में घटती है किसी विशेष क्षेत्र के लिए भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल होता है फिर भी डॉप्लर रॉबर की सहायता से 6:00 से 12 घंटे पहले यह पता लगाया जा सकता है।

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