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Doping in sports in hindi | doping kya hota hai

स्वागत है दोस्त आपका हमारे ब्लॉक जानकारी हो अच्छी में, दोस्तों आए दिन हम लोग टीवी पर देखते हैं कि ओलंपिक में जाने वाले कुछ खिलाड़ियों पर डोपिंग का आरोप लगा है। आखिर क्या है डोपिंग और किस तरह यह खेल से संबंधित है? आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं।

Dopping kya hota hai ? | डोपिंग क्या होता है?


डोपिंग क्या होता है? Dopping kya hota hai ?

सन 1968 में ओलंपिक ट्रायल के दौरान दिल्ली के रेलवे स्टेडियम में कृपाल सिंह 10000 मीटर दौड़ में भागते भागते ट्रैक को छोड़कर सीढ़ियों पर चढ़ गए थे। उस दौरान उनके मुंह से झाग निकल रहा था और वे बेहोश हो गए थे। जांच में पता चला कि उन्होंने ताकत बढ़ाने वाला पदार्थ ले रखा था। इसे ही doping कहते हैं।

जब कोई एथलीट या खिलाड़ी अपनी शक्ति में वृद्धि के लिए प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल करता है तो इसे doping कहते हैं।

आखिर क्यों होता है doping का इस्तेमाल ?


कोई भी खिलाड़ी जब अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाता है तो दर्शक उसे पसंद करते हैं। बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। किसी भी चीज में महारत हासिल करने में काफी समय लग जाता है। इसीलिए कभी कभी कोई खिलाड़ी डोपिंग का इस्तेमाल करता है इससे उसकी शारीरिक क्षमता बढ़ जाती है। डोपिंग के इस्तेमाल से वह अपने शरीर को सुडौल बना लेता है।
Dopping kya hota hai ? | डोपिंग क्या होता है?

कितने प्रकार के ड्रग्स वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे हैं?

स्टेरॉयड का इस्तेमाल

हमारे शरीर में स्टेरॉयड पहले से ही मौजूद होता है जैसे टेस्टोस्टेरोन जब खिलाड़ी स्टेरॉयड का इंजेक्शन लेता है तब वह खूब मेहनत कर ट्रेनिंग कर पाता है और अपने शरीर को सुडौल बना पाता है। लेकिन इसके बहुत सारे दुष्प्रभाव भी है। इससे खिलाड़ी के हृदय और तंत्रिका तंत्र पर भी असर पड़ सकता है।

स्टिमुलेंट्स

इसके इस्तेमाल से व्यक्ति ज्यादा चौकन्ना हो जाता है और शरीर की थकान कम होती है। इसके सेवन से व्यक्ति को दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

डाइयूरेटिक‍्स 

इस ड्रग्स का इस्तेमाल शरीर के पानी को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। जिससे कुश्ती जैसे खेलों में कम भार वाली श्रेणी में घुसने का मौका मिलता है। डाइयूरेटिक‍्स का इस्तेमाल हाई बीपी के इलाज में क्या जाता है।
इसके अलावा उत्तेजक पदार्थ, पेप्टाइड हार्मोन, नारकोटिक्स आदि का प्रयोग किया जाता है। इससे खिलाड़ी को ऊर्जा मिलती है।

ब्लड डोपिंग

सबसे कम जाने जाना वाला ड्रग्स ब्लड डोपिंग है। किशोरों के रक्त में लाल रुधिर कणिकाओं की मात्रा ज्यादा होती है। यह कणिकाएं ज्यादा ऑक्सीजन का प्रवाह करती है जिससे शरीर में ज्यादा ऊर्जा का संचार होता है। कुछ खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए किशोरों का खून चढ़वाते हैं। इसे ही ब्लड डोपिंग कहते हैं। यह जानलेवा भी हो सकता है।

कैसे पकडे जाते हैं दोषी ?

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ियों का टेस्ट किया जाता है। इसमें यूरिन व ब्लड टेस्ट किया जाता है। इसमें मरीज के ब्लड के ए और बी दो सैंपल लिए जाते हैं। अगर दोनों सैंपल में डोब्स की मात्रा पाई जाती है तो खिलाड़ी को डोपिंग का दोषी माना जाता है। उसके बाद खिलाड़ी पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

डोपिंग की व्यापक रोकथाम के लिए एक अलग और विशेष अंतर्राष्ट्रीय नियामक बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 1999 में विश्व एंटी डोपिंग संस्था की स्थापना की।
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